उसमें एक नाम शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह भी शामिल हैं।
देश में कुछ ही राजा-महाराजा थे जिनसे अंग्रेज खौफ खाते थे।
उसमें एक नाम शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह भी शामिल हैं।
महाराजा रणजीत सिंह ने 10 साल की उम्र में पहला युद्ध लड़ा था और 12 साल की उम्र में गद्दी संभाली थी।
1801 में रणजीत सिंह की पंजाब के महाराज के तौर पर ताजपोशी की गई थी।
उसके बाद 1802 में अमृतसर को अपने साम्राज्य में मिला लिया था।
रणजीत सिंह की सेना में हिंदू, मुस्लिम और यूरोपीय योद्धा एवं जनरल शामिल थे।
महाराजा रणजीत सिंह ने 40 साल तक शासन किया लेकिन उस दौरान उन्होंने अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी भटकने भी नहीं दिया।