10वीं और 12वीं में फेल हो गईं, फिर भी हिम्मत नहीं हारी और IAS बन गईं, जाने

जो लोग असफल होने के बाद भी प्रयास करना नहीं छोड़ते उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। कुछ ऐसी ही है आईएएस अंजू शर्मा की सफलता की कहानी।

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IAS अंजू शर्मा

असफल होने के बाद भी कोशिश नहीं छोड़ने वाले लोगों को सफलता जरूर मिल जाती है। कुछ ऐसी ही सफलता की कहानी IAS अंजू शर्मा की है।

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प्री बोर्ड में फेल

बता दें कि अंजू शर्मा जब स्कूल में थीं, तो 10वीं के प्री बोर्ड एग्जाम में केमिस्ट्री के पेपर में फेल हो गई थीं। इसके बाद अच्छे से मेहनत किया और 10वीं पास कर इंटरमीडिएट में गईं।

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अर्थशास्त्र में फेल

12वीं की परीक्षा में भी वो अर्थशास्त्र के पेपर में फेल हो गई थीं। इसके बाद अंजू शर्मा थोड़ी हताश जरूर हुईं, लेकिन हार नहीं मानी।

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22 की उम्र में UPSC

अंजू शर्मा ने मेहनत करके ना केवल बोर्ड एग्जाम पास ग्रेजुएशन में दाखिला लिया, बल्कि 22 साल की उम्र में ही देश की कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सीएसई का एग्जाम क्लीयर कर लिया।

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राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर

यूपीएससी क्रैक करने के बाद साल 1991 में अंजू शर्मा ने राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के पद से अपने करियर की शुरुआत की थी।

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पहले प्रयास में मिला सफलता

बता दें कि अंजू शर्मा ने अपने मेहनत के बल पर यूपीएससी सीएसई के एग्जाम में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर लिया।

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विफलता के लिए तैयार

अंजू शर्मा अपनी असफलताओं के बारे में कहती हैं कि लोग आपको केवल सफलता के लिए तैयार करते हैं। लेकिन विफलता के लिए कोई तैयार नहीं करता है।

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परीक्षा में फेल होने से बदला भविष्य

10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल होना अंजू शर्मा के लिए वो सीख था, जिसने उनके भविष्य को आकार दिया।

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कॉलेज में गोल्ड मेडल

बता दें कि अंजू शर्मा ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जयपुर से ही बीएससी और एमबीए किया था। उन्होंने कॉलेज में गोल्ड मेडल भी जीता था।

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अंजू शर्मा से सीख

अंजू शर्मा की सफलता सीख देती है कि किसी भी एग्जाम के लिए लास्ट मिनट की तैयारी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। समय से पहले परीक्षा की तैयारियां पूरी कर लेनी चाहिए।

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