दिल्ली से कश्मीर तक फर्राटा भरेगी वंदे भारत ट्रेन! 272 KM में से 255 KM का बिछाया जा चुका रेलवे ट्रैक, इस डेट पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

Vande Bharat train: भारत सरकार रेल नेटवर्क को सुदृढ़ करने के अपने प्रयासों में एक और मील का पत्थर जोड़ने जा रही है। अगले साल जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) पर वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन करेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सीधे कश्मीर से जुड़ेगी।
रेलवे मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि 272 किलोमीटर लंबी USBRL परियोजना में 255 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। बचा हुआ 17 किलोमीटर हिस्सा, जो कटरा और रियासी के बीच है, इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद कश्मीर वंदे भारत ट्रेन चलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है और इन सभी की बड़े पैमाने पर अच्छी तरह से जांच की जा रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी और तकनीकी टीमें लगातार दौरे कर रही हैं कि सब कुछ क्रम में है।
यह एक बहुत बड़ा उपक्रम है और इसमें बहुत मेहनत लगती है। सभी पहलुओं की जांच होने के बाद ही उद्घाटन कार्यक्रम का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब रेलवे ब्रिज को पार करेगी। परियोजना में कुल 38 सुरंगों और 927 पुलों का निर्माण किया गया है।
जिसमें चिनाब ब्रिज भी शामिल है। लंबाई 1375 फीट, धनुष की प्रत्यंचा 467 फीट और ऊंचाई 359 फीट है। एफिल टावर से करीब 35 मीटर ऊंचे इस पुल को सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज माना जाता है। कटरा से श्रीनगर तक हाल ही में रेल कनेक्टिविटी के साथ, इस मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का प्रस्ताव है। इसके तहत ट्रेन संख्या 12425/26 नई दिल्ली से जम्मू तवी, 12445/46 नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटरा.
16031/32 चेन्नई सेंट्रल से माता वैष्णो देवी कटरा, 11449/50 जबलपुर से माता वैष्णो देवी कटरा, 16787/88 तिरुनेलवेली से माता, वैष्णो देवी कटरा, वर्ष 16317/18 कन्याकुमारी कोटा से माता वैष्णो देवी कटरा तक ट्रेन संख्या 19803/04 और हावड़ा से जम्मू तवी तक ट्रेन संख्या 12331/32 और सात अन्य ट्रेनें शामिल हुईं।
दिल्ली से कश्मीर को जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन भारत के रेलवे इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम है। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल देश का उत्तरी हिस्सा मुख्यधारा से जुड़ेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास में नई संभावनाएं भी खुलेंगी। जनवरी 2025 का यह उद्घाटन देशवासियों के लिए एक नई शुरुआत साबित होगा।