हरियाणा में सरकारी कार्यालयों में लगाए जाएंगे प्रीपेड मीटर, केंद्र सरकार का आदेश जारी

Haryana Eelctricity: केंद्र सरकार ने हाल ही में पूरे देश में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना की शुरुआत की थी, लेकिन जनता के विरोध के चलते इसे लेकर नए निर्णय किए जा रहे हैं। अब तय हुआ है कि सबसे पहले सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
हरियाणा में इस योजना पर कार्य शुरू हो चुका है, और बिजली विभाग ने इसके लिए विस्तृत योजना बनाई है। शुरुआती योजना में इन पांच जिलों में 10 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य था। हालांकि, विरोध के चलते योजना को सरकारी कार्यालयों तक सीमित कर दिया गया है।
चंडीगढ़ में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने एक बैठक में प्रीपेड मीटर लगाने और प्रदेश की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) पर चर्चा की। सरकारी कार्यालयों में सबसे पहले प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे ताकि इसकी दक्षता साबित हो सके। कमर्शियल और औद्योगिक संस्थानों में विस्तार: किफायती दरों पर कमर्शियल और औद्योगिक स्थानों पर भी प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है।
प्रीपेड मीटर उपयोगकर्ताओं के लिए 5% तक बिजली दरों में छूट का प्रस्ताव है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्तीय सुधार के लिए ‘ए प्लस’ ग्रेड में पहुंच चुकी बिजली कंपनियों को पब्लिक लिस्टिंग में लाने का विचार।
इसके लाभों की बात करें तो उपभोक्ता अपने उपयोग का सही अनुमान लगा सकते हैं और खर्च को नियंत्रित कर सकते हैं। प्रीपेड सिस्टम से बिजली चोरी पर प्रभावी रोक लगेगी। मीटर रीचार्ज करने के लिए ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध होगी।
सामान्य उपभोक्ताओं में अभी भी इसके प्रति विरोध है, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार इसे धीरे-धीरे लागू कर रही है। सरकार उम्मीद करती है कि जैसे ही उपभोक्ताओं को इसके लाभ समझ में आएंगे, वे स्वयं इसे अपनाना शुरू करेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा में बिजली विभाग ने बड़ा सुधार किया है। राज्य में लाइन लॉस को 34% से घटाकर 11% तक लाने में सफलता मिली है, जिससे बिजली कंपनियों को नुकसान से उबरने में मदद मिली है और अब वे 'ए प्लस' ग्रेड में हैं।