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DhaN Ka Bhav: हरियाणा में किसानों की बड़ी दुविधा, धन का नहीं मिल रहा उचित दाम, जानिए वजह 

 किसान ने पीआर धान कटवाया है तो उसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि इसी धान को सरकार सीएमआर के लिए राइस मिलों को देगी। इसके पीछे नमी का खेल बताया जा रहा है, राइस मिलर्स में अधिक नमी का धान खरीदना नहीं चाहते हैं।

 
DhaN Ka Bhav: हरियाणा में किसानों की बड़ी दुविधा, धन का नहीं मिल रहा उचित दाम, जानिए वजह

India Super News, Haryana News: हरियाणा में किसानों के लिए बड़ी दुविधा उतपन हो गई, धान की कटाई अब शरू हो गई ह।  बता दे की मंडियों में सरकारी खरीद नहीं हो रही है और राइस मिलर भी उसे खरीदने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में किसानों के सामने बड़ी समस्या उत्पन हो गई है। राइस मिलर्स एसोसिएशन ने आज फेंसला ले सकते है की वो फसल की खरीद करेंगें या नहीं  क्योंकि इस से पहले बुधवार की मीटिंग में उन्होंने पूरी तरह से मना कर दिया था।

भाव गिरा दिए

 बता दे की हरियाणा में एक बार फिर से मौसम में बदलाव आया है।  कई जिलों में बारिश को लेकर भी अलर्ट जारी हुआ है।  इसी के चलते  किसानों को धान कटवाने की जल्दी है लेकिन सरकार ने धान की तिथि को आगे बढ़ाकर एक अक्तूबर कर दिया है। ऐसे में किसान फंस गए हैं। राइस मिलर ने भी मांगों को लेकर धान खरीद से हाथ खींच लिए हैं, हालांकि राइस मिलर अपने फायदे का 1509 धान लगातार खरीद रहे हैं, इसके भी भाव गिरा दिए हैं।

 किसान ने पीआर धान कटवाया है तो उसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि इसी धान को सरकार सीएमआर के लिए राइस मिलों को देगी। इसके पीछे नमी का खेल बताया जा रहा है, राइस मिलर्स में अधिक नमी का धान खरीदना नहीं चाहते हैं।

सरकार खुद धान खरीदे

बुधवार को जिला प्रधान राज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में हुई करनाल राइस मिलर एसोसिएशन की बैठक में सर्व सम्मति से ये फैसला लिया गया है कि कोई भी राइस मिलर न तो पंजीकरण कराएगा और न ही पंजीकरण शुल्क भरेगा। राइस मिलरों ने कहा कि यदि खरीद सकती है तो सरकार खुद धान खरीदे। राइस मिलर को धान को लगाने के लिए जगह का भी किराया दे। अनलोडिग व स्टेकिंग भी अपनी लेबर से कराए।

संचालकों को बड़ा नुकसान

अधिक जानकारी के लिए बता दे की करनाल राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता ने बताया कि राइस मिलरों की कई मांगें हैं, जो सरकार पूरी करने से इनकार कर रही है। करनाल अनाज मंडी में 27 सितंबर को दुकान संख्या 213 पर करनाल राइस मिलर्स एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है। इसमें आगामी रणनीति को तैयार कर धान खरीद पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार एक क्विंटल धान पर 67 किलो चावल मांगती है लेकिन चावल 62-62 किलो ही निकल रहा है, जिससे राइस मिल संचालकों को बड़ा नुकसान हो रहा है।