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मिलर्स ने हरियाणा सरकार को लगा दिया करोड़ों का चुना, सरकार करेगी प्रॉपर्टी से भरपाई!

 
सरकार करेगी प्रॉपर्टी से भरपाई!

Haryana: धान से सीजन में सरकारी खरीद एजेंसियों  द्वारा राइस मिलर्स को बड़ी मात्रा में चावल कुटाई के लिए धान दिया जाता है।जिसमें से कुछ राइस मिलर्स पर खुद मोटा-मुनाफा कमा सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का आरोप है। कैथल जिले में एक हफ्ते के अंदर ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जिसमें से मिलर्स ने सरकार द्वारा चावल कुटाई के लिए दी गई धान को ही बेच डाला। जब विभाग के अधिकारियों ने सेलर में जाकर देखा तो वहां धन भी गायब मिला।

हरियाणा के कैथल जिले के चंदाना रोड स्थित हिमांक राइस मिल ने करीब 1.80 करोड रुपए के सरकारी चावल का गवन किया है। फूड एंड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर दीपक कुमार की शिकायत पर मिल मालिक अमन मित्तल व उसके गारंटी जय भगवान निवासी माडल टाउन वह बलदेव राजलक्ष्मी ग्रेन ट्रेडर्स नई अनाज मंडी के खिलाफ सिटी थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर दीपक ने शिकायत में बताया कि आरोपी मिलर अमन मित्तल ने 6547.92.130 क्विंटल पीआर धान की पेराई की है। जिसका चावल 4387.10.720 क्विंटल पैदा होता है। सरकार को 1 करोड़ 79 लाख 87 हजार रुपये का नुकसान हुआ है मिलर्स ने धान सीजन 2022-2 में खाद्य एवं आपूर्ति एजेंसी के तहत सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) का काम किया था मिलर्स को 35595.37.500 क्विंटल धान आवंटित किया गया था. 67 प्रतिशत चावल और एक प्रतिशत एफआरके सहित 240,869.90.125 क्विंटल चावल की डिलीवरी एफसीआई को समय पर दी जानी थी। जबकि हिमांक राइस लैंड ने निर्धारित समय तक चावल की पूरी मात्रा जमा नहीं की। विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए। मिलर ने नोटिस का जवाब भी नहीं दिया. जब मैंने गारंटरों को नोटिस दिया तो उन्होंने कहा कि वे जल्द ही चावल की डिलीवरी देंगे।

इसके बाद जब निरीक्षक दीपक कुमार विभाग के बकाया स्टॉक का पाक्षिक भौतिक निरीक्षण करने के लिए 1 अक्टूबर को सुबह लगभग 10 बजे चावल मिल में पहुंचे, तो उन्हें धान और चावल का कोई स्टॉक नहीं मिला। मिलर भी धान व चावल के स्टॉक के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। एजेंसी ने अब मिलर और उनके गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई की है।

उन्होंने कथित तौर पर धान के साथ 3.91 लाख रुपये का बारदाना भी हड़प लिया
हिमांक राइस मिलर ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से 1.80 करोड़ रुपये के चावल के साथ-साथ 3.91 लाख रुपये के उपहारों की भी तस्करी की। इंस्पेक्टर ने बताया कि चावल मिल के प्रति विभाग की सरकारी ड्यूटी करीब 17 नॉट (1 नॉट 500 कट्टे) थी. जब मिल की जांच की गई तो बारदाना भी गायब मिला।

कार्रवाई:मिल मालिक और गारंटर के 50-50 लाख रुपए के 7 चेक हुए बाउंस, संपत्ति होगी जब्त
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राइस मिलर अमन मित्तल और उसके दो गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई की है। पंजीकरण के दौरान दस्तावेजों में मिलर द्वारा एजेंसी को सौंपे गए 50 लाख रुपये के पांच चेक बाउंस हो गए हैं। गारंटरों के 50-50 लाख रुपये के दो चेक बाउंस हो गए हैं। विभाग ने मिल में तीन नियमित चौकीदारों की तैनाती भी कर दी है। ताकि मिलर्स कोई भी संपत्ति बाहर न ले जा सकें। राइस मिलर की संपत्ति कुर्क कर नीलामी के लिए राजस्व विभाग को लिखा गया है. गारंटरों की दुकानें विभाग के नाम अटैच करने के लिए मार्केट कमेटी सचिव को पत्र लिखा गया है। ताकि हर कीमत पर मिलर से वसूली की जा सके।

डिफॉल्टर मिलों की कुर्की की फाइल राजनीतिक दृष्टिकोण से ठंडे बस्ते में चली जाती है
 जब डिफॉल्टर मिलर्स और उनके गारंटरों से वसूली के लिए विभाग द्वारा संपत्ति कुर्की की फाइल राजस्व विभाग को भेजी जाती है, तो डिफॉल्टर मिलर्स राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाते हैं और इसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं, जिससे फाइल डीएफएससी और राजस्व विभाग में उलझ कर रह जाती है। इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. इस कारण मिलर्स ने यह सोच लिया है कि प्रशासनिक कार्रवाई में कुछ भी गलत नहीं होगा. सरकारी पैसा हड़प कर अन्य व्यवसाय शुरू किये गये हैं. बहुत से डिफॉल्ट करने वाले मिल मालिक परिवार के साथ दिल्ली या किसी अन्य बड़े शहर में चले जाते हैं, तो कई परिवार के अन्य सदस्यों या रिश्तेदारों के नाम पर नई फर्म बनाते हैं और मिलिंग व्यवसाय फिर से शुरू करते हैं। इससे सरकार को कई करोड़ का नुकसान होता है.

इससे पहले चिका के गोयल फूड ने एक अन्य मिलर के साथ मिलकर 5.88 करोड़ रुपये के चावल का गबन किया था
इसी सीजन के दौरान चीका में गोयल फूड (राइस मिल) और आत्मा राम राइस मिल के मालिकों ने हाईफेड एजेंसी से 5 करोड़ 88 लाख 72 हजार 413 रुपये के पीआर धान और चावल का गबन किया था। हैफेड के डीएम सुरेश वैद्य की शिकायत पर गोयल फूड चीका की मालिक नीरू बाला, आत्मा राम राइस एंड जनरल मिल चीका के मालिक और उनके गारंटर रामा सिंह परी ग्रेन ट्रेडर कमीशन एजेंट चीका शॉप पार्टनर, सतीश कुमार रिद्धि सिद्धि ग्रेन ट्रेडर्स दुकान के मालिक, मोहित गोयल पुत्र फूड चीका के मालिक गौतम, रोहित गोयल अधिकृत व्यक्ति गोयल फूड चीका के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मिल मालिकों ने धान व कूटा चावल एफसीआई में जमा करने के बजाय निजी स्तर पर बाजार में बेच दिया. यह आरोप लगाया गया था कि दो चावल मिलों के मालिकों ने हैफेड के धान और चावल के स्टॉक को एजेंसी और एफसीआई को सौंपने के बजाय डंप कर दिया था।

सिटी पुलिस स्टेशन के SHO बीर सिंह ने कहा कि DFSC विभाग के इंस्पेक्टर दीपक की शिकायत के आधार पर मिल मालिक अमन मित्तल और उनके गारंटर जय भगवान और बलदेव राज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा