बिना दहेज की शादी बनी चर्चा का विषय, शिक्षक लेखराम बैनीवाल गाँव भरवाना ने अपने बेटे की शादी में लिया शगुन में मात्र 1 रुपए और नारियल
राजस्थान के भादरा क्षेत्र में दहेज प्रथा के दानव को खत्म करने की मुहिम जारी है. इसी सिलसिले में गांव भरवाना के शिक्षक लेखराम बैनीवाल के बेटे अभय की शादी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव अमरपुरा (भादरा) निवासी राजबीर मेहला की बेटी अनीता से हुई. शादी में सभी पारंपरिक रस्में निभाई गईं। जब दुल्हन ने परंपरा के अनुसार सुमाथनी की थाली में 11 लाख रुपए नकद रखे तो दूल्हे के पिता शिक्षक लेखराम बैनीवाल ने दुल्हन को दहेज का सामान बताते हुए शगुन के तौर पर केवल एक रुपए और नारियल स्वीकार किया। विवाह समारोह में कई गणमान्य लोग शामिल हुए। हरियाणा और पड़ोसी राज्य राजस्थान में दहेज मुक्त शादियों को सराहा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की भादरा तहसील के गांव भरवाना के शिक्षक लेखराम बेनीवाल के बेटे अभय की शादी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव अमरपुरा (भादरा) के राजबीर महला की बेटी अनीता से हुई। विदाई के समय लेखराम बैनीवाल ने दहेज लेने से इनकार कर दिया और शगुन के तौर पर सिर्फ 1 रुपये और नारियल लिया.
अनिता के पिता राजबीर मेहला ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी अनिता की शादी बहुत ही शानदार तरीके से मनाई है. उनका कहना है कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बेटी को एक ऐसा परिवार मिला जो दहेज का लालची नहीं है और वह अन्य लोगों से अपील करते हैं कि वे दहेज देने के बजाय अपनी बेटियों को पढ़ाएं और अपना कर्तव्य निभाएं तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में अपना योगदान दें। क्षेत्र के कई गणमान्य लोगों ने इस अवसर की सराहना की। यह शादी राजस्थान और आसपास के हरियाणा के लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
लेखराम जी
इस मौके पर शिक्षक लेखराम बैनीवाल ने कहा कि वह हमेशा से ही समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ रहे हैं और दहेज प्रथा को पूरी तरह से बंद करने के पक्ष में हैं. मात्र 1 रूपये और नारियल लेना सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि समाज के अन्य लोगों को भी सीख लेकर दहेज प्रथा के दानव को खत्म करना चाहिए