हरियाणा में दूसरे राज्य की सामान्य वर्ग में शादी करने वाली महिलाओं को बड़ा झटका, अब नहीं मिलेगा ये लाभ
नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। चुनाव आयोग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। वास्तव में, कई जिला उपायुक्तों ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या किसी अन्य राज्य का अनुसूचित जाति का व्यक्ति हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण का लाभ उठा सकता है।
'आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए'
विधि एवं विधायी विभाग ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा दिए गए आदेशों का विश्लेषण करते हुए राज्य चुनाव आयोग को सलाह दी है कि किसी विसंगति, भ्रम या मुकदमेबाजी से बचने के लिए अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्ति, जिसके पास किसी अन्य राज्य द्वारा जारी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र है, तो उसे किसी भी कारण से हरियाणा राज्य में प्रवास करने के कारण बावजूद आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए।
ऐसे व्यक्ति प्रदेश में अनुसूचित जाति का लाभ और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण के लिए आवेदन करने हेतु पात्र नहीं होंगे। इस प्रयोजन के लिए केवल हरियाणा राज्य के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र ही वैध होगा।
विधि एवं विधायी वभाग की सलाह के बाद राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि इन निर्देशों से रिटर्निंग, सहायक रिटर्निंग अधिकारियों तथा भविष्य में होने वाले नगर पालिका चुनावों के समय चुनाव ड्यूटी पर तैनात अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को अवगत कराया जाए ताकि नियम का कड़ाई से अनुपालन किया जा सके।