60 साल पुराने तालाब का इतिहास गाव गुसियाना का।

नाथूसारी चोपटा :गांव गुसाईयाना में बने गरीब 60 साल पुराने तालाब में मीठा पानी पानी लंबे समय से, है जिसके कारण इस तलाव का महत्व बहुत ज्यादा है तलाब की खास बात यह है बुड्ढे गुज्जर इस तलाव के पानी को पीने स्नान करने में इस्तेमाल किया करते थे।
नाथूसारी चोपटा :गांव गुसाईयाना में बने गरीब 60 साल पुराने तालाब में मीठा पानी पानी लंबे समय से, है जिसके कारण इस तलाव का महत्व बहुत ज्यादा है। तलाब की खास बात यह है बुड्ढे गुज्जर इस तलाव के पानी को पीने स्नान करने में इस्तेमाल किया करते थे गांव में 8 एकड़ भूमि पर बनी इस तलाब में भारी मात्रा में जल पाया जाता है जिसके कारण अब तलाब में बारिश के पानी अच्छी तरह से सग्रहण है कभी ग्रामीण में तलाब का पीते थे पानी कभी ग्रामीण म तालाब का पीते थे पानी।
जिस समय गुसाईयाना में बसा उसी समय पानी के लिए तालाब की खुदाई की गई जिसमें बारिश के पानी का संग्रहण किया जाने लगा इस पानी को पी करें गांव के लोग अपनी प्यास बुझाते थे इसके बाद जैसे राजपुरा साहनी नहर निकाली गयी नहर से तालाब में पानी डाले जाने लगा इसके बाद गांव में जैसे जैसे घरों में पेयजल के कनेक्शन लगने लगे गांव वालों ने तालाब का पानी पीना छोड़ दिया और यह तलाब पशुओं का स्विमिंग पूल बन गया।
गांव का तालाब अपने अंदर इतिहास छुपा हुआ है तलाब थी ट्रैक्टरों द्वारा खुदाई की गई इंडिया सुपर न्यूज़ ने तलाशा तलाब का अभियान चलाकर इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। हमें प्रेरणा मिलती है। काफी समय से नहीं हुई सफाई ग्रामीणों के अनुसार लंबे समय से सफाई नहीं हुई हल्की गांव के सरपंच ने ट्रैक्टर के तहत सफाई की गई तालाब के आसपास खड़ी झाड़ियां को कटवा दिया गया और यहां पर एक पुल के रूप दे दिया और उसके ऊपर पेड़ पौधे लगाए गए हैं गांव गुसाईआना के सरपंच ने पेड़ पौधे लगाकर बहुत ही अच्छा काम किया है और इस्लाम में पानी डाला गया जिससे बारिश का पानी इकट्ठा हो सके और पशुओं के लिए इस्तेमाल किया जा सके, गांव के लोगों को पशुओं को पानी पिलाने में कोई दिक्कत ना आए इसलिए गांव के सरपंच ने तालाब की सफाई की गई और उसके अंदर पानी डाला गया गंदा पानी का अलग और पशुओं के लिए पानी पीने के लिए अलग तालाब का निर्माण किया गया ।