Haryana Weather Update: हरियाणा के सिरसा, जींद में सुबह सुबह झमाझम बारिश शरू, आज 4 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अपने शहर का हाल
Haryana Weather Update: सुबह से सिरसा, पानीपत, जींद, फरीदाबाद, गोहाना समेत कई जगह बारिश हो रही है। इससे कई स्थानों पर जलभराव हो गया है। सड़कों पर पानी भर गया।
Aug 29, 2024, 08:50 IST
Haryana Weather Update: हरियाणा में मानसून सक्रिय है। सुबह से सिरसा, पानीपत, जींद, फरीदाबाद, गोहाना समेत कई जगह बारिश हो रही है। इससे कई स्थानों पर जलभराव हो गया है। सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने आज पंचकूला, अंबाला, करनाल, यमुनानगर सहित 4 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
अगस्त में 21 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई
अगस्त के अंत तक हरियाणा में बारिश जारी रहने की संभावना है। इस अवधि के दौरान पश्चिमी विक्षोभ का भी प्रभाव पड़ेगा। दो महीने बीत गए। वर्तमान में, राज्य में सामान्य से 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि अगस्त में 21 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। सितंबर अभी भी है। राज्य में 1 जून से 30 सितंबर तक मानसून के मौसम के दौरान 440 मिमी वर्षा होती है। अब तक 282.9 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 341 है, जो मानसून कोटे से 157 मिमी कम है।
12 जिलों में कम बारिश
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, सितंबर में होने वाली बारिश काफी हद तक कमी की भरपाई कर सकती है। अब तक 12 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है, जबकि तीन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। दूसरी ओर, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि फसलों को इस समय बारिश की आवश्यकता है।
अगस्त में 21 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई
अगस्त के अंत तक हरियाणा में बारिश जारी रहने की संभावना है। इस अवधि के दौरान पश्चिमी विक्षोभ का भी प्रभाव पड़ेगा। दो महीने बीत गए। वर्तमान में, राज्य में सामान्य से 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि अगस्त में 21 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। सितंबर अभी भी है। राज्य में 1 जून से 30 सितंबर तक मानसून के मौसम के दौरान 440 मिमी वर्षा होती है। अब तक 282.9 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 341 है, जो मानसून कोटे से 157 मिमी कम है।
12 जिलों में कम बारिश
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, सितंबर में होने वाली बारिश काफी हद तक कमी की भरपाई कर सकती है। अब तक 12 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है, जबकि तीन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। दूसरी ओर, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि फसलों को इस समय बारिश की आवश्यकता है।