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हरियाणा न्यूज़: किसानों को दोहरा झटका.बारिश के कारण मंडियों में भीगा चावल, हड़ताल के कारण नहीं हो पा रहा खरीद और उठान

 
हरियाणा न्यूज़: किसानों को दोहरा झटका.बारिश के कारण मंडियों में भीगा चावल, हड़ताल के कारण नहीं हो पा रहा खरीद और उठान

मंडियों में धान लेकर पहुंचे किसानों पर  सोमवार को दोहरी मार पड़ी। एकतरफ जहां बारिश से मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा धान भीग गया, वहीं बासमती निर्यातकों द्वारा खरीद निलंबित किए जाने के कारण लगातार दूसरे दिन खरीद व उठान नहीं हो पाया। प्रदेश की आठ जिलों की विभिन्न  मंडियों में करीब 68 लाख क्विंटल धान को नुकसान पहुंचा

यमुनानगर व कुरुक्षेत्र में पानी के बहाव  में धान बहता नजर आया। बोरियों व ढेरियों को ढकने के लिए तिरपाल भी कम पड़ गए। नमी की मात्रा बढ़ने से किसानों को फसल बेचने में दिक्कत आएगी। इसके अलावा, पांच जिलों में ओलावृष्टि व 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलीं, जिससे  खेतों में पका धान बिछ गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मंगलवार को भी जीटी बेल्ट के जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं

इंद्री अनाज मंडी में बारिश का भरा पानी।

उधर निर्यात निलंबित रहने से सोमवार को  ट्रैक्टर ट्रालियों में धान लेकर अनाज मंडी पहुंचे किसान बैरंग लौट गए। दो दिन से खरीद बंद होने के कारण धान के दाम एक  हजार रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए। बासमती धान 4700 रुपये क्विंटल से 3500-3700 रुपये और 1509 किस्म का धान 3900  रुपये से 2900 पर आ गया। इन हालातों में स्थानीय आढ़तियों ने भी हाथ खड़े कर दिए। आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष  धर्मवीर मलिक ने बताया कि निर्यातक मंडियों से 1509, 1121, 1718 व 1847 की खरीद नहीं कर रहे हैं

जीटी बेल्ट में ही सबसे अधिक बरसे बादल, एक्यूआई में भी सुधार

अंबाला में 13.7 एमएम, हिसार में 1.4, महेंद्रगढ़  में 5 एमएम, सिरसा में 10.8 एमएम, फतेहाबाद में नौ एमएम, करनाल में पांच एमएम, पानीपत में 3.5 एमएम, यमुनानगर में 12.5  एमएम बारिश दर्ज की गई। कैथल की अनाजमंडी में भी ओलावृष्टि हुई। इसके अलावा अंबाला के शहजादपुर, यमुनानगर के  सरस्वती नगर, सिरसा, हिसार के हांसी व नारनौल के नांगल चौधरी में ओलावृष्टि हुई। बारिश से वायु गुणवत्ता सूचकांक में  सुधार आया है। कैथल में एक्यूआई 264 से गिरकर 108 पहुंच गया। करनाल में एक्यूआई 108 से कम होकर 68 पर पहुंच गया।

यहां इतना धान भीग

कैथल में 20 लाख क्विंटल, कुरुक्षेत्र में 18 लाख,  करनाल में 15 लाख, यमुनानगर में 6.16 लाख, फतेहाबाद में 5 लाख, पानीपत में 1.5 लाख, अंबाला व सिरसा में एक-एक लाख क्विंटल  धान भीगा। झज्जर में बूंदाबांदी से धान को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ

बारिश से धान की फसल को नुकसान : विशेषज्ञ

बारिश से धान की फसल को नुकसान होगा। तेज  हवाओं व ओलावृष्टि से पकी फसल प्रभावित हो सकती है। जहां सरसों की बिजाई होनी है, वहां यह बारिश फायदेमंद हो सकती है। राम निवास यादव, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र

केंद्रीय वाणिज्य सचिव से बैठक में समाधान नहीं. पांच दिन और खरीद नहीं

देशभर में धान की खरीद निलंबित होने के बाद  अखिल भारतीय बासमती चावल निर्यात एसोसिएशन के पदाधिकारियों की केंद्रीय वाणिज्य सचिव से बैठक हुई। बैठक में कोई समाधान  तो नहीं निकला लेकिन उम्मीद बंधी है कि चार से पांच दिन में समाधान हो सकता है। एसोसिएशन ने समाधान होने तक धान की खरीद को निलंबित रखने का फैसला लिया है। मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा

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