हरियाणा में BC (B) को आरक्षण, विधानसभा ने पारित किया महत्वपूर्ण विधेयक
Haryana News : हरियाणा सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पिछड़ा वर्ग BC (B) को भी आरक्षण का लाभ देने का निर्णय लिया है। अब BC (B) को भी पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में उसी तरह आरक्षण मिलेगा जैसे BC (A) को पहले से मिलता रहा है। यह कदम पिछड़ा वर्ग (BC) के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकता है, जो राज्य में सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देगा।
आरक्षण प्रतिशत
BC (A) को 8% आरक्षण दिया जाएगा।
BC (B) को 5% आरक्षण दिया जाएगा।
आबादी का आंकड़ा
BC (A) की कुल आबादी 18.93% है।
BC (B) की कुल आबादी 15.05% है।
विधेयक की स्वीकृति
हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक और हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक को विधानसभा में पारित कर दिया गया है।
किसे मिलेगा आरक्षण?
इस विधेयक के तहत BC (B) को पंचायती राज संस्थाओं (जैसे पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य) और स्थानीय निकायों (जैसे नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद) में आरक्षण मिलेगा। इससे आगामी चुनावों में BC (B) के उम्मीदवारों के लिए विभिन्न पदों पर आरक्षित सीटों का रास्ता साफ हो जाएगा।
आगामी निकाय चुनाव में BC (B) के लिए आरक्षण
राज्य सरकार आगामी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के चुनावों में BC (B) के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण करेगी। जनवरी 2025 में इन चुनावों के आयोजन की संभावना है, और इस आरक्षण से BC (B) को स्थानीय राजनीति में बेहतर प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है।
आदित्य सुरजेवाला का प्रस्ताव
विधानसभा में बिल पर चर्चा करते हुए, कैथल के कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि राज्य के पिछड़े वर्ग को आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में मिलना चाहिए। उनका सुझाव था कि BC (A) और BC (B) के लिए कुल 27% आरक्षण दिया जाए, जो कि दोनों वर्गों की आबादी के हिसाब से उचित रहेगा।
आरक्षण का प्रभाव
इस आरक्षण के लागू होने से BC (B) श्रेणी के लोग स्थानीय निकायों में अधिक भागीदारी कर सकेंगे, जिससे उनके विकास और सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से BC (A) के आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और दोनों श्रेणियों के लिए आरक्षण अलग-अलग होगा।
हरियाणा सरकार द्वारा पारित किया गया यह विधेयक BC (B) को आरक्षण का अवसर प्रदान करता है, जिससे राज्य में सामाजिक न्याय और समान अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम हरियाणा में पिछड़ा वर्ग के लिए सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है, जिससे समाज के इन वर्गों को अधिक सशक्त और सक्षम बनाने में मदद मिलेगी।