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फतेहाबाद में किसानों ने MLA  को दिखाए काले झंडे

विधायक लक्ष्मण नापा रविवार को सिरसा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर के समर्थन में वोट मांगने और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को 5 अप्रैल को रतिया में होने वाली रैली का निमंत्रण देने गांव चैनकोठी पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लॉक अध्यक्ष गुरलाल सिंह की अध्यक्षता में किसान एकत्र होने लगे

 
फतेहाबाद में किसानों ने MLA  को दिखाए काले झंडे

India Super News : विधायक लक्ष्मण नापा रविवार दोपहर जिले के रतिया उपमंडल के चैनकोठी गांव पहुंचे तो उन्हें किसान संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों ने गांव में एकत्र होकर विधायक को काले झंडे दिखाए और भाजपा सरकार व विधायक के खिलाफ नारेबाजी की।

प्रशासन ने विधायक के पहुंचने से पहले सदर थाना प्रभारी ओमप्रकाश बिश्नोई के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया था. जिस तरह से किसानों ने भाजपा के चुनावी कार्यक्रमों का विरोध करना शुरू कर दिया है, उससे सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं, क्योंकि दो दिन पहले किसान संगठनों ने एक बैठक कर मुख्यमंत्री के रतिया दौरे के विरोध में भी बैठक करने का निर्णय लिया है।

विधायक लक्ष्मण नापा रविवार को सिरसा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर के समर्थन में वोट मांगने और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को 5 अप्रैल को रतिया में होने वाली रैली का निमंत्रण देने गांव चैनकोठी पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लॉक अध्यक्ष गुरलाल सिंह की अध्यक्षता में किसान एकत्र होने लगे।

विधायक लक्ष्मण नापा जैसे ही गांव पहुंचे तो किसानों ने काले झंडे दिखाकर उनका विरोध शुरू कर दिया. हालांकि मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने किसानों को विधायक के कार्यक्रम में जाने से रोक दिया. पुलिस द्वारा रोके जाने पर किसान भड़क गए और विधायक लक्ष्मण नापा व भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लॉक अध्यक्ष गुरलाल सिंह ने कहा कि भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी की है।

हरियाणा सरकार ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवजा, क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत और बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त ट्यूबवेलों की मरम्मत का वादा किया था। अभी तक सिर्फ 12 फीसदी किसानों को मुआवजा दिया गया है और बाकी 88 फीसदी किसान पिछले 6 महीने से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. 20 फरवरी को दिल्ली जा रहे किसानों पर बेहद बर्बरतापूर्वक गोलियां चलाई गईं. किसानों ने बीजेपी नेताओं को गांव में नहीं घुसने देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को केवल चुनाव के समय ही ग्रामीणों की याद आती है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में उन्होंने किसानों और ग्रामीणों के खिलाफ तानाशाही नीति अपनाई है। कार्यक्रम जल्दी निपटाकर विधायक के गांव से चले जाने के बाद किसान शांत हुए। विरोध प्रदर्शन के दौरान गुरलाल सिंह, मुंदरी सिंह, कुलदीप सिंह, माशा सिंह, काला सिंह, सतनाम सिंह, मक्खन सिंह, अविजोत सिंह और अन्य किसान मौजूद थे