Movie prime

किसान भाई एरोपोनिक तकनीक से करें आलू की खेती! मिलेगा 10 गुना मुनाफा, देखें बुआई की प्रक्रिया

हरियाणा के करनाल जिले के शामगढ़ में आलू प्रोद्योगिकी केंद्र की स्थापना की गई है, जिसमें एरोपोनिक तकनीक का उपयोग करके आलू के बीज तैयार किए जा रहे हैं। यह तकनीक मिट्टी के बिना, हवा में पौधों की खेती पर आधारित है। इससे आलू की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है।
 
किसान भाई एरोपोनिक तकनीक से करें आलू की खेती! मिलेगा 10 गुना मुनाफा, देखें बुआई की प्रक्रिया

Potato Cultivation: हरियाणा के करनाल जिले के शामगढ़ में आलू प्रोद्योगिकी केंद्र की स्थापना की गई है, जिसमें एरोपोनिक तकनीक का उपयोग करके आलू के बीज तैयार किए जा रहे हैं। यह तकनीक मिट्टी के बिना, हवा में पौधों की खेती पर आधारित है। इससे आलू की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है।

एरोपोनिक तकनीक में आलू की खेती के फायदे

इसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे रोगों और कीटों का खतरा कम होता है। हवा में उगने वाले आलू की गुणवत्ता मिट्टी में उगने वाले आलू से बेहतर होती है।सामान्य खेती के मुकाबले 10 गुना अधिक उत्पादन। बीजों में किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं होता है। पोषक तत्वों की सही मात्रा के कारण पौधे पूरी तरह से स्वस्थ रहते हैं।

एरोपोनिक तकनीक में आलू उगाने की प्रक्रिया

पौध को नर्सरी में टिश्यू कल्चर विधि से तैयार किया जाता है। पौधों को कोकोपिट में 20 दिनों तक रखा जाता है। पौधों को एरोपोनिक बॉक्स में लटकाया जाता है, जहाँ पोषक तत्व दिए जाते हैं। पौधों की जड़ों को फफूंदनाशक में डुबोकर संक्रमण से बचाया जाता है।  पीएच स्तर का नियमित चेक किया जाता है।

किसानों के लिए सरकार की मदद

हरियाणा सरकार ने इस तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया है। किसी भी जानकारी के लिए किसान बागवानी विभाग के टोल फ्री नंबर 1800 180 2021 पर संपर्क कर सकते हैं। यह केंद्र किसानों को अधिक मुनाफा दिलाने के साथ-साथ उनके जीवन में भी सुधार लाने का प्रयास कर रहा है।