DAP का हरियाणा में संकट, हर जिले में मांग है दो गुना आपूर्ति नहीं कर पा रही सरकार। 1.10 लाख मैट्रिक टन खाद केंद्र सरकार देगी।

DAP: हरियाणा में गेहूं बिजाई का सीजन चल रहा है, लेकिन डीएसपी खाद की कमी अब बड़ा मुद्दा बनता जा रही है। प्रदेश भर में डीएपी की मांग अधिक है और इसके मुकाबले इसकी आपूर्ति आदि से भी काम है। आलम यह है कि प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां पर खाद की मांग को पूरा किया जा सकता हो। अभी तक सभी 22 जिलों में मांग से आधे से कम डीएपी खाद मिल पाई है। अगर केंद्र सरकार की ओर से हरियाणा को और अधिक डीएपी खाद आपूर्ति नहीं की गई तो यह गहरा संकट हो सकता है।
DAP: हरियाणा में गेहूं बिजाई का सीजन चल रहा है, लेकिन डीएसपी खाद की कमी अब बड़ा मुद्दा बनता जा रही है। प्रदेश भर में डीएपी की मांग अधिक है और इसके मुकाबले इसकी आपूर्ति आदि से भी काम है। आलम यह है कि प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां पर खाद की मांग को पूरा किया जा सकता हो। अभी तक सभी 22 जिलों में मांग से आधे से कम डीएपी खाद मिल पाई है। अगर केंद्र सरकार की ओर से हरियाणा को और अधिक डीएपी खाद आपूर्ति नहीं की गई तो यह गहरा संकट हो सकता है।
हरियाणा प्रदेश में अभी तक 1 पॉइंट 14 लाख डीएसपी खाद आवंटित की जा चुकी है जबकि 14000 मेट्रिक टन का स्टॉक शेष है। मांग के अनुसार यह स्टॉक काफी कम है क्योंकि सामान्य तौर पर 15 नवंबर तक गेहूं की बिजाई की जाती है। ऐसे में गांव की बिजाई का सीजन अभी जोर पकड़ेगा। ऑस्टिन प्रदेश में डीएपी की खपत्र ढाई लाख मैट्रिक टन से अधिक होती है लेकिन अभी तक आपूर्ति कम होने के कारण खपत कम हो पाई है।
पिछले साल 2023 में रबी के सीजन की बात करें तो इस समय तक एक 119470 मेट्रिक टन तक डीएपी की खपत हुई थी। जबकि रबी सीजन के दौरान ही 2023 में नवंबर में कुल 72697 मत की खपत हुई थी। इस बार हरियाणा में रबी सीजन में लगभग 25 लाख हैक्टेयर भूमि पर गेहूं और 7 लाख हैक्टेयर भूमि पर सरसों की बिजाई की जानी है।
इस कारण हो रही है देरी।
हरियाणा कृषि विभाग के अधिकारियों को कहना है कि डीएपी की आपूर्ति ज्यादातर जॉर्डन रोज वह इजराइल से होती है। वहां से समुद्री जहाज के जरिए डीएपी खाद लाई जाती है। मगर अभी यह रुट बंद होने के कारण जहाज को साढे चार हजार किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। इस कारण से सभी जहाज 15 दिन की देरी से पहुंच रहे हैं। इसी फेर में केंद्र के बाद हरियाणा में डीएसपी आने में समय लग रहा है। खास बात यह है कि हरियाणा के किसी भी जिले में डीएपी की कालाबाजारी की शिकायत नहीं मिली है।
जिलों में डीएपी की मांग आपूर्ति
- अंबाला 14000 8677
- कुरुक्षेत्र 19500 11000
- करनाल 33400 12000
- सोनीपत 14000 9400
- रोहतक 12000 6300
- रेवाड़ी 10000 6000
- जींद 26000 11,300
- नारनौल 17020 4657
- फतेहाबाद 25000 14988
- हिसार 25,000 13,000
- सिरसा 40,000 23000
- भिवानी 75000 50000
- चरखी दादरी 24000 3000
- पानीपत 11500 4854
- यमुनानगर 14000 5582
कर्मचारियों के हिसाब से।
केंद्र सरकार से हरियाणा को नवंबर के लिए 1.10 लाख एमटी आवंटित हुई है। पहले सप्ताह में 41600 एमटी दूसरे सप्ताह में 40000 एमटी तीसरे सप्ताह में 24000 एमटी है। प्रदेश में डीएपी की कोई कमी नहीं है और नए ही किसी किसान को परेशान होने दिया जाएगा। किस सबर रखें सभी को डीएपी खत मिलेगी-नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हरियाणा।