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लाखों उपभोक्ताओं के लिए संकट की घड़ी! राशन डिपुओं में नहीं मिल रहा सरसों का तेल, बाजार से दोगुनी कीमत पर खरीदना पड़ रहा...

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh News) में महंगाई के बीच सस्ते राशन के डिपुओं से भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। प्रदेश भर में करीब 4500 डिपुओं में इस महीने सरसों के तेल का कोटा उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिससे लाखों उपभोक्ता बिना तेल के ही लौट रहे हैं। पहले से ही बढ़ते खर्च के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है, ऐसे में सस्ते तेल की कमी ने उनकी समस्याएं और बढ़ा दी हैं।
 
Mustard Oil

Mustard Oil: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh News) में महंगाई के बीच सस्ते राशन के डिपुओं से भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। प्रदेश भर में करीब 4500 डिपुओं में इस महीने सरसों के तेल का कोटा उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिससे लाखों उपभोक्ता बिना तेल के ही लौट रहे हैं। पहले से ही बढ़ते खर्च के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है, ऐसे में सस्ते तेल की कमी ने उनकी समस्याएं और बढ़ा दी हैं।

डिपुओं में तेल न मिलने से लोगों को बाजार से 200 रुपये प्रति लीटर के भाव में तेल खरीदना पड़ रहा है, जबकि सरकार के रेट के अनुसार डिपुओं में यह तेल 123-129 रुपये प्रति लीटर मिलता है।

महंगाई के कारण डिपुओं में सरसों के तेल की अधिक मांग रहती है, जिससे सप्लाई में कमी हो रही है। पिछले महीने त्योहारी सीजन के चलते अधिक खर्च होने से उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ पड़ा है। कई उपभोक्ताओं को पिछले महीने का कोटा इस महीने मिलेगा, लेकिन नई दरों पर, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।

हिमाचल प्रदेश में कुल 19 लाख 65 हजार 589 राशन कार्ड धारक हैं, जो उचित मूल्य की दुकानों से आटा, चावल, दालें, नमक और सरसों का तेल प्राप्त करते हैं। सरकार हर महीने लाखों रुपये की सब्सिडी के जरिए उपभोक्ताओं को यह सामान सस्ते दरों पर उपलब्ध कराती है। 

वर्तमान में, डिपुओं में 34 लाख लीटर तेल की मांग है, लेकिन इस महीने तेल की अनुपलब्धता ने उपभोक्ताओं की परेशानियों को बढ़ा दिया है। जिन परिवारों को पिछले महीने का तेल का कोटा नहीं मिला था, उन्हें अब बढ़ी दरों पर ही यह कोटा मिलेगा, जिससे उन्हें प्रति लीटर 13 रुपये अधिक चुकाने होंगे।