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 हरियाणा के किसानों और एक्सपोर्टर्स को मिली बड़ी राहत! केंद्र सरकार ने चावल निर्यात शुल्क हटाया 

त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार ने चावल निर्यात पर लगे 10% शुल्क को हटाकर हरियाणा के चावल उत्पादकों और निर्यातकों को बड़ी राहत दी है। इस निर्णय का असर चावल की कीमतों पर भी दिखाई दे रहा है, जिससे मंडियों में PR धान (मोटा चावल) के भाव में 30 से 100 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
 
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Haryana: त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार ने चावल निर्यात पर लगे 10% शुल्क को हटाकर हरियाणा के चावल उत्पादकों और निर्यातकों को बड़ी राहत दी है। इस निर्णय का असर चावल की कीमतों पर भी दिखाई दे रहा है, जिससे मंडियों में PR धान (मोटा चावल) के भाव में 30 से 100 रुपए तक की वृद्धि हुई है।

सरकार ने कॉमन धान का MSP 2,300 रुपए और ग्रेड-ए धान का MSP 2,320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। इस निर्णय से धान उत्पादकों को लाभ होगा, और चावल की इंटरनेशनल डिमांड को पूरा करने में सहूलियत मिलेगी।

सितंबर में सरकार ने गैर-बासमती उबले चावल पर शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया था। अब पूरी तरह से शुल्क हटाने से भारतीय चावल अन्य देशों की तुलना में सस्ता हो जाएगा, जिससे थाईलैंड और पाकिस्तान जैसे देशों के मुकाबले भारत का निर्यात बढ़ेगा।

हरियाणा में करीब 12.83 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है, जिसमें से आधा बासमती और आधा गैर-बासमती का उत्पादन होता है। हरियाणा के कुरूक्षेत्र, करनाल और कैथल जिलों के बासमती चावल की विदेशों में भारी मांग है, खासकर अरब देशों में। राज्य में करीब 1,800 चावल मिलों का संचालन होता है, जो इस निर्णय से लाभान्वित होंगे।

निर्यात शुल्क हटने से एक्सपोर्टर्स को इंटरनेशनल मार्केट में प्रतिस्पर्धा का लाभ मिलेगा। धान के विभिन्न किस्मों के भाव में MSP से अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है।अब भारतीय चावल सस्ता होने से आयातक भारतीय चावल को प्राथमिकता देंगे।