Haryana के रेवाड़ी में 1000 करोड़ की लागत से एशिया का पहला टनल बनकर तैयार, इन हाईटेक सुविधाओं से होगा लेस
हरियाणा के रेवाड़ी में एक किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है। सुरंग को डबल स्टैक कंटेनर और डबल ट्रेन सुविधा के साथ बनाया गया है, इसमें आपको खास बात यह देखने को मिलेगी की यह एशिया में इस तरह की पहली सुरंग है।
Sep 24, 2024, 20:28 IST
india Super News, Rewari News: हरियाणा में रेलवे प्रोजेक्ट नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हर दिन नए कीर्तिमान बना रहा है। अधिक जानकारी के लिए बता दे की यह एक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के तहत हरियाणा के रेवाड़ी में एक किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है। सुरंग को डबल स्टैक कंटेनर और डबल ट्रेन सुविधा के साथ बनाया गया है, इसमें आपको खास बात यह देखने को मिलेगी की यह एशिया में इस तरह की पहली सुरंग है। जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। बता दे की रेवाड़ी दादरी सेक्टर के उप परियोजना प्रबंधक वाईपी शर्मा और डीएफसीसीआईएल कम्युनिकेशंस कॉरपोरेट के उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने सोमवार को सुरंग के बारे में आईएएनएस से बात की।
लगभग 900-1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए
उप परियोजना प्रबंधक वाई. पी. शर्मा ने कहा, "डबल स्टैक कंटेनरों और डबल ट्रेनों के लिए यह हमारी एक किलोमीटर लंबी सुरंग है, यह एशिया में इस तरह की पहली सुरंग है। इसमें दो साल लगे और लगभग 900-1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। सुरंग के पीछे साढ़े छह किलोमीटर गहरा कट है और इसकी गहराई 30 से 35 मीटर है। उन्होंने आगे कहा कि सुरंग के निर्माण में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आजकल कई अलग-अलग तकनीकें सामने आ रही हैं, जिससे ज्यादा परेशानी नहीं होती है। लेकिन यहाँ आस-पास लोग रहते हैं, जिसके कारण हमने विस्फोट को नियंत्रित किया।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बारे में बोलते हुए, डीएफसीसीआईएल कम्युनिकेशन कॉरपोरेट के उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने कहा, "यह एक विशेष कॉरिडोर है जिसे केवल मालगाड़ियों के लिए बनाया गया है। इन दोनों गलियारों की कुल लंबाई 2,843 किलोमीटर है। एक पूर्वी गलियारा है, जो लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू होकर बिहार के सोननगर तक जाता है। दूसरा पश्चिमी गलियारा है जो दादरी से शुरू होकर मुंबई तक जाता है। 2, 843 में से 2,741 किलोमीटर का कॉरिडोर पूरा हो चुका है, जो परियोजना का 96.4 प्रतिशत है। यह परियोजना अगले साल पूरी हो जाएगी।
लगभग 900-1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए
उप परियोजना प्रबंधक वाई. पी. शर्मा ने कहा, "डबल स्टैक कंटेनरों और डबल ट्रेनों के लिए यह हमारी एक किलोमीटर लंबी सुरंग है, यह एशिया में इस तरह की पहली सुरंग है। इसमें दो साल लगे और लगभग 900-1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। सुरंग के पीछे साढ़े छह किलोमीटर गहरा कट है और इसकी गहराई 30 से 35 मीटर है। उन्होंने आगे कहा कि सुरंग के निर्माण में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आजकल कई अलग-अलग तकनीकें सामने आ रही हैं, जिससे ज्यादा परेशानी नहीं होती है। लेकिन यहाँ आस-पास लोग रहते हैं, जिसके कारण हमने विस्फोट को नियंत्रित किया।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बारे में बोलते हुए, डीएफसीसीआईएल कम्युनिकेशन कॉरपोरेट के उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने कहा, "यह एक विशेष कॉरिडोर है जिसे केवल मालगाड़ियों के लिए बनाया गया है। इन दोनों गलियारों की कुल लंबाई 2,843 किलोमीटर है। एक पूर्वी गलियारा है, जो लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू होकर बिहार के सोननगर तक जाता है। दूसरा पश्चिमी गलियारा है जो दादरी से शुरू होकर मुंबई तक जाता है। 2, 843 में से 2,741 किलोमीटर का कॉरिडोर पूरा हो चुका है, जो परियोजना का 96.4 प्रतिशत है। यह परियोजना अगले साल पूरी हो जाएगी।