यूरिया की किल्लत-यूरिया का 77 प्रतिशत कोटा बंट चुका अब घंटों लाइन में लगने से मिल रही खाद
गेहूं की बिजाई के समय डीएपी के लिए संघर्ष करने के बाद अब जिले के छोटे किसानों को यूरिया खाद के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

गेहूं की बिजाई के समय डीएपी के लिए संघर्ष करने के बाद अब जिले के छोटे किसानों को यूरिया खाद के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सोमवार को शहर की अनाज मंडी स्थित इफको सेंटर पर दिनभर किसानों की भीड़ लगी रही तथा उन्हें खाद के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा
विभाग से मिली जानकारी अनुसार जिले में यूरिया का सीजन का 77 फीसदी कोटा यानि करीब 11.66 लाख बैग किसानों को दिए जा चुके हैं। रविवार को जिले में यूरिया का जो रैक लगा था उसमें मिले साढ़े 43 हजार बैरिया को इफको से जिले के 45 सेल प्वाइंटों पर भेजी है ताकि किसानों को अपने गांव या इलाके के पैक्स से खाद मिल सके।
यूरिया के लिए परेशानी
दिसंबर से जनवरी तक किसान को एक एकड़ में यूरिया के 3 बैग का छिड़काव होता है। लेकिन किसान पूरी एक साथ खरीद लेते हैं जिसके चलते जिले का पूरा कोटा कुछ किसानों के पास स्टॉक हो जाता है। ऐसा होने से मार्केट में खाद की उपलब्धता किसानों के अनुपात में काफी कम रह जाती है जिसके चलते किल्लत की स्थिति बनती है।
स्टॉक के कारण परेशानी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा खाद कंपनियां संबंधित जिलों में खाद के रैक वहां की डिमांड के अनुसार भेजती है ताकि किसान को खाद उपलब्ध हो सके, लेकिन अधिकतर किसानों के एडवांस स्टॉक करने के कारण परेशानी खड़ी हो जाती है।
15 लाख बैग की डिमांड, 11.66 लाख बंट चुके
विभाग के अनुसार जिले में फसल के हिसाब से यूरिया के 15 लाख बैग की डिमांड की गई थी, इसमें अब तक 77 फीसदी कोटा यानि 11.66 लाख बैग जिले में बांट चुके हैं। अब बाकि का कोटा अलग-अलग शिफ्ट में 15 जनवरी तक आएगा।
किसानों द्वारा एडवांस में खाद खरीदने के कारण कुछ दिक्कत आ रही है, इस समय जिले में सभी कंपनियों का 5 हजार एमटी से अधिक यूरिया उपलब्ध है, किसानों से अपील है कि वे धैर्य बनाए रखें"