फरीदाबाद में शुरू हुआ विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड मेला, 42 देशों के 648 कलाकार ले रहे हिस्सा

हरियाणा के फरीदाबाद में आज से विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला शुरू हो गया है। इस मेले में 42 देशों के 648 कलाकार अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें मिस्र, इथोपिया, सीरिया, बेलारूस, म्यांमार, अफगानिस्तान और नेपाल जैसे देशों के प्रसिद्ध कलाकार शामिल हैं।
23 फरवरी तक चलेगा मेला, ओडिशा और मध्य प्रदेश की थीम
यह सांस्कृतिक मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा। इस बार मेले की स्टेट थीम ओडिशा और मध्य प्रदेश को रखा गया है। इसके अलावा, गोवा, ओडिशा और मध्य प्रदेश के विशेष पवेलियन बनाए गए हैं, जो दर्शकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। यहां आने वाले लोग भारतीय और विदेशी संस्कृति की झलक एक ही स्थान पर देख सकेंगे।
देश-विदेश की कला और शिल्पकला का संगम
मेले में देश-विदेश के शिल्पकार, कलाकार और मूर्तिकार अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगा रहे हैं। भारत के साथ-साथ नेपाल और भूटान जैसे देशों के उत्पाद भी स्टॉलों पर उपलब्ध होंगे।
उद्घाटन में पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने में उनका अहम योगदान रहा है।
हरियाणवी व्यंजनों का भी मिलेगा स्वाद
इस मेले में हरियाणा, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति को करीब से देखने का मौका मिलेगा। साथ ही, हरियाणा के पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ भी उठाया जा सकेगा।
सूरजकुंड मेले का समय और टिकट की जानकारी
- समय: सुबह 10:00 बजे से रात 7:00 बजे तक
- टिकट कीमत:
- वीकडेज़ (सोमवार-शुक्रवार) – ₹120
- वीकेंड (शनिवार-रविवार) – ₹180
- छूट: वरिष्ठ नागरिकों को 50% तक की छूट मिलेगी।
- टिकट बुकिंग:
- ऑनलाइन: दिल्ली मेट्रो रेल की "सारथी" ऐप से
- ऑफलाइन: मेले के एंट्री गेट काउंटर पर
सांस्कृतिक धरोहर का अनूठा अनुभव
यह मेला न सिर्फ भारतीय कला और शिल्प को संरक्षित और प्रोत्साहित करता है, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारतीय संस्कृति का अनूठा अनुभव भी प्रदान करता है। यदि आप लोक कला, हस्तशिल्प और पारंपरिक संगीत-नृत्य के शौकीन हैं, तो सूरजकुंड मेला आपके लिए एक बेहतरीन मौका है। 23 फरवरी तक इस मेले का आनंद लें और भारतीय संस्कृति की विविधता को करीब से महसूस करें!