हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं: उत्तर प्रदेश में नई नीति लागू, सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा कदम

हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं: उत्तर प्रदेश में नई नीति लागू, सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
देश में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार लगातार नए उपाय कर रही है। खासतौर पर, हेलमेट न पहनने के कारण दोपहिया वाहन चालकों की मौत के आंकड़े चिंताजनक हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए "हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं" नीति लागू की है।
नए नियमों की मुख्य बातें
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बिना हेलमेट नहीं मिलेगा पेट्रोल:
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया है कि बिना हेलमेट पहने मोटरसाइकिल सवारों को पेट्रोल न दें। -
सवार के लिए भी अनिवार्य:
अब मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे व्यक्ति के लिए भी हेलमेट अनिवार्य होगा। यदि पीछे बैठे व्यक्ति ने हेलमेट नहीं पहना है, तो वाहन चालक को भी पेट्रोल नहीं मिलेगा। -
सख्त आदेश:
परिवहन विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और संभागीय आयुक्तों को पत्र जारी कर यह निर्देश तत्काल लागू करने के आदेश दिए हैं।
सड़क हादसों पर लगेगी रोक
हर वर्ष उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण हजारों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में हर साल लगभग 24,000 से 25,000 लोग बिना हेलमेट पहने सड़क हादसों में मारे जाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस नई नीति पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा देना और सड़क हादसों में मौतों की संख्या को कम करना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।
जनता के लिए संदेश
परिवहन विभाग और मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और हेलमेट पहनने की आदत को अपनाएं। यह नीति लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सार:
उत्तर प्रदेश में "हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं" नीति लागू होने के बाद, सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। अब, हेलमेट न केवल आपकी सुरक्षा बल्कि पेट्रोल के लिए भी जरूरी होगा