Jind Khabar: जींद बस स्टैंड के पास हाईवे पर मिलेगी यू-टर्न की सुविधा, शहर बनेगा कैटल-फ्री

Jind Khabar: जींद के निवासियों के लिए राहत की खबर है। आने वाले दिनों में रोहतक-जींद-संगरूर नेशनल हाईवे (NH-352) पर बस स्टैंड के पास यू-टर्न की सुविधा शुरू की जाएगी। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और यातायात को सुगम बनाना है। जिला प्रशासन सड़कों की मरम्मत, सड़क सुरक्षा संकेतक लगाने और आवश्यक स्थानों पर सिग्नल स्थापित करने के कार्य में जुटा हुआ है।
सुरक्षा और ट्रैफिक सुधार
मुख्य चौकों पर रेड लाइट के साथ उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए जाएंगे। जल्द ही पोस्टल चालान प्रणाली शुरू की जाएगी, जिससे यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
कैटल-फ्री जींद का लक्ष्य
शहर को कैटल-फ्री बनाने की दिशा में प्रशासन ने अब तक 80% बेसहारा पशुओं को गौशालाओं में स्थानांतरित कर दिया है। बंदर पकड़ो अभियान की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिससे नागरिकों को बंदरों के आतंक से राहत मिलेगी। आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
खेल और बुनियादी सुविधाओं पर जोर
उपायुक्त ने बताया कि एकलव्य स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होगा। बड़ौदी वाटर वर्क्स का उद्घाटन भी निकट भविष्य में किया जाएगा, जिससे जल आपूर्ति में सुधार होगा।
मेडिकल और ट्रामा सेंटर पर काम जारी
मेडिकल सुविधाओं के विस्तार के तहत, जिले के मेडिकल कॉलेज में अगले 6-7 महीनों में ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्डा की पहल पर एक ट्रामा सेंटर स्थापित करने की योजना प्रगति पर है।
अवैध कब्जों और अतिक्रमण पर सख्ती
उपायुक्त ने कहा कि अवैध कब्जा एक अपराध है, और इस पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी। बाजार क्षेत्रों में अतिक्रमण की समस्या हल करने के लिए रानी तालाब के पास गुरुद्वारे की खाली भूमि पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
पुराने बस स्टैंड पर नया निर्माण
पुराने बस स्टैंड की कंडम घोषित इमारत को जल्द ध्वस्त कर वहां ऑडिटोरियम, फायर स्टेशन, राहगीरी और अन्य नागरिक सेवाओं के भवन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और छायादार शेड का निर्माण भी किया जाएगा।
ई-ऑफिस प्रणाली और समाधान शिविर
प्रशासन सभी कार्य ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से कर रहा है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। समाधान शिविरों में आई शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है।