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Haryana News: हाई कोर्ट ने HSSC पर लगाया एक लाख का जुर्माना, 816 शिक्षकों के भर्ती परिणाम की होगी समीक्षा

 
Haryana News: हाई कोर्ट ने HSSC पर लगाया एक लाख का जुर्माना, 816 शिक्षकों के भर्ती परिणाम की होगी समीक्षा

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की यह राशि पीजीआई चंडीगढ़ गरीब रोगी कल्याण कोष में जमा की जाएगी। दरअसल, हाईकोर्ट ने उदयपुर से आर्ट एंड क्राफ्ट में डिप्लोमा हासिल करने वालों के आवेदन पर विचार नहीं करने पर यह जुर्माना लगाया है।

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उदयपुर के जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय से Art and Craft में दो साल का डिप्लोमा रखने वाले उम्मीदवारों के दावे पर विचार नहीं करने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश त्रिभुवन दहिया ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही 816 Art and Craft शिक्षकों की भर्ती का परिणाम संशोधित करने का भी निर्देश जारी किया है। अदालत ने HSSC पर उसकी कार्यशैली के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जो PGI चंडीगढ़ के गरीब रोगी कल्याण कोष में जमा होगा        


रविंदर व अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने 2006 में Art and Craft शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इसमें जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय से Art and Craft में दो साल का डिप्लोमा करने वाले 816 अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था लेकिन तब HSSC ने उनको अयोग्य करार दे दिया। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी              


हाईकोर्ट ने उनके हक में फैसला दिया। इस आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।  वहां भी याचिकाकर्ताओं को पात्र माना गया। इसके बाद सरकार ने भर्ती रद्द कर पदों को फिर से विज्ञापित किया और फिर से याचिकाकर्ताओं को अयोग्य बता दिया।  याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि उनकी उम्मीदवारी को अस्वीकार करना अदालत से निर्धारित कानून का उल्लंघन है।              


हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए चयनित 816 Art and Craft शिक्षकों के परिणाम को संशोधित करने का आदेश दिया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा है कि जिन्होंने उदयपुर के जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय से डिप्लोमा उत्तीर्ण किया था और अगर उनके प्राप्तांक उनकी संबंधित श्रेणियों में अंतिम चयनित उम्मीदवारों से अधिक हैं तो याचिकाकर्ताओं को चयनित व्यक्तियों के स्थान पर नियुक्ति दी जाए। पूर्व में चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की तिथि से याचिकाकर्ताओं को वेतन को छोड़कर सभी लाभ जारी करने का भी हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश जारी किया है। अदालत ने आयोग को आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के चार सप्ताह में पालन करने का निर्देश दिया है।           


HSSC के रवैए की निंदा
न्यायाधीश त्रिभुवन दहिया ने HSSC की कार्यप्रणाली की निंदा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं के संस्थान से डिप्लोमा अमान्य  होने के संबंध में आयोग को प्राप्त आपत्तियों में जो दावे किए गए हैं, वे अस्पष्ट हैं। क्योंकि न तो इसका विवरण और न ही आपत्तियों की तारीख का खुलासा किया गया  है। इस तरह की अनिश्चित आपत्तियां, याचिकाकर्ताओं को अयोग्य घोषित करने का आधार नहीं हो सकतीं। आयोग ने तथ्यों का पता लगाए बिना या मुद्दे पर  विचार किए बिना मनमाने ढंग से काम किया। इसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ताओं का उत्पीड़न हुआ और उन्हें इस मुकदमेबाजी के लिए मजबूर होना पड़ा

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