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किसानों के लिए आई खुशखबरी, बागवानी में ड्रिप से सिंचाई के ऑटोमेशन उपकरणों पर सरकार दे रही है 2 लाख तक का फायदा

 
किसानों के लिए आई खुशखबरी, बागवानी में ड्रिप से सिंचाई के ऑटोमेशन उपकरणों पर सरकार दे रही है 2 लाख तक का फायदा

हनुमानगढ़ जिले में सिंचाई पानी की बचत के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। बागवानी फसलों में ड्रिप सिंचाई अपनाकर किसान न केवल पानी की बचत कर सकते हैं, बल्कि यह पौधों के लिए भी अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। ड्रिप सिंचाई की इस तकनीक को लेकर किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है, और अब इस प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए स्वचालित संयंत्र (ऑटोमेशन) का उपयोग भी बढ़ रहा है।

उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को स्वचालित संयंत्र के लाभों के बारे में बताया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार अधिकतम 2 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ड्रिप सिंचाई का असल लाभ तब मिलता है जब सिंचाई और पोषण जड़ क्षेत्र में जल और पोषक तत्वों की आवश्यकता के अनुसार बार-बार और छोटे अंतराल पर किया जाए। मैन्युअल संचालन में त्रुटियां हो सकती हैं और बार-बार इसे करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में ऑटोमेशन सर्वोत्तम विकल्प साबित होता है।

स्वचालित संयंत्र में कंट्रोलर, सेंसर, सोलोनॉयड वॉल्व, फिल्टर आदि का उपयोग करके फसलों को उनकी मांग के अनुसार पानी दिया जाता है। किसान योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उद्यान विभाग के कृषक उप निदेशक या कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते हैं। विभाग की ओर से कृषकों को इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, और अधिकारी कृषक गोष्ठियों में भी इस योजना के लाभ बताते हुए किसानों को अनुदान प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

उद्यान विभाग हनुमानगढ़ द्वारा स्वचालित संयंत्र स्थापित करने पर किसानों को 75 प्रतिशत या एक हेक्टेयर के लिए अधिकतम 40 हजार रुपये तक अनुदान दिया जा रहा है। एक किसान को अधिकतम 5 हेक्टेयर तक 2 लाख रुपये तक का अनुदान मिल सकता है। ऑटोमेशन तकनीक के तहत, किसान अपने खेतों के लिए पूर्ण या आंशिक स्वचालित प्रणाली चुन सकते हैं, जैसे कंट्रोलर, स्लोनॉयड वॉल्व, और वायर/वायरलेस युक्तियां।

इस योजना के तहत सिंचाई पानी की बचत होती है और पौधों को उनकी वास्तविक मांग के अनुसार पानी मिलता है, जिससे कम पानी में भी बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। इच्छुक किसान राज किसान पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं और विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करके इस लाभकारी योजना का हिस्सा बन सकते हैं।