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Farmer protest: महिलाओं को कमजोर न समझे सरकार, हम बलिदान देने से नहीं डरते; किसानों की सरकार को चेतावनी

पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन की कमान नारी शक्ति ने संभाली. महिलाओं ने सरकार को दी चेतावनी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को कमजोर न समझा जाए, किसान बलिदान देने से नहीं डरते।
 
KISAN

INDIA SUPER NEWS: पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन लगातार जारी है। शुक्रवार को  शंभू सीमा पर महिला दिवस मनाया गया। महिला दिवस पर मंच की कमान महिला ओं के हाथों में रही। मंच संचालन भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी की नेता सुखविंद्र कौर ने किया। महिलाओं ने सुबह से शाम तक किसानों को संबोधित किया                             


महिलाएं हाथों में झंडे लिए अपने बच्चों  और लड़कियों को भी साथ लेकर पहुंचीं। इनमें बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल रहीं।  महिलाओं ने कहा कि वह केवल चूल्हे पर रोटी बनाना ही नहीं जानती, बल्कि अपनी  लड़ाई के लिए लड़ भी सकती हैं। सरकार को चेतावनी दी कि वह किसानों को कमजोर  न समझे। किसान कुर्बानी देने से डरते नहीं है                           


इस मौके पर महिला पहलवान साक्षी मलिक  भी पहुंचीं। साक्षी मलिक ने मंच के माध्यम से कहा कि सरकार ने तीन काले कानून  वापस लेने और एमएसपी देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया।  उनका भी एक आंदोलन हुआ था। उसमें भी कुछ वादे पूरे किए गए और कुछ नहीं  किए                                         


उन्होंने सरकार से कहा कि जो वादे किए हैं, वह  पूरे होने चाहिए। यह किसानों के हक की लड़ाई है। यह फसल बचाने की लड़ाई है।  पंजाब और हरियाणा की महिलाएं हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ती आई हैं।  चाहे वह कोई भी आंदोलन हो। वह पहली कतार में आगे खड़ी मिली हैं। उन्होंने  महिलाओं को कहा कि वह आवाज उठाती रहें। उनकी सुनवाई जरूर होगी                                        


झुकना नहीं है। न्याय के लिए सरकार लड़ना है।  वह भी अपने आंदोलन में 40 दिन तक जंतर-मंतर पर धरने पर थे। उनकी बृजभूषण  के खिलाफ लड़ाई थी। जब तक उनको सजा नहीं मिल जाती, तब तक वह न डरेंगे  न झुकेंगे। इसके उपरांत पहलवान साक्षी मलिक ने अलग-अलग संगठनों के  नेताओं के साथ मुलाकात भी की।                                         


महिला किसानों का देश के विकास में खास योगदान 
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला किसान नेता  सुखविंद्र कौर, समिता कौर मांगट, गुरप्रीत कौर बराड़, सुखदेव कौर कलानंगल  ने महिलाओं को अपने हक और फसलों की संपूर्ण कीमत की मांग को लेकर पंजाब- हरियाणा सीमा पर आने के लिए धन्यवाद किया। महिला किसानों का देश के विकास में खास योगदान रहा है                                          


हिसार-फतेहाबाद के किसानों को दिल्ली कूच से रोका  तो लांधड़ी टोल पर शुरू किया धरना
पगड़ी संभाल मोर्चा के बैनर तले हिसार और फतेहाबाद  के लिए किसान दिल्ली कूच के निकले। लेकिन पुलिस ने उन्हें लांधड़ी टोल प्लाजा पर रोक दिया। यहां कुछ किसानों को हिरासत में ले लिया। इसको लेकर पुलिस तथा किसानों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की, बहस चलती रही। जिसके बाद किसानों ने लांधड़ी टोल पर ही धरना शुरू कर दिया है                              


किसानों ने कहा कि किसान नेताओं को रिहा किया जाए।  उन्हें दिल्ली को ओर पैदल कूच की अनुमति दी जाए। उधर, चरखी दादरी में NH-152 डी के समीप शुक्रवार को धरने की कमान महिलाओं के हाथ में रही। इससे  पहले महिलाएं स्वयं ट्रैक्टर चलाकर धरनास्थल पर पहुंचीं                                        


दिल्ली कूच से पहले किसान नेताओं को राउंडअप  करने के लिए पुलिस ने डाले छापे
दिल्ली कूच से पहले फतेहाबाद के किसान नेताओं की धरपकड़ के लिए पुलिस की गाड़ियां दौड़ती रहीं। समिति के प्रदेशाध्यक्ष मनदीप  नथवान को पंजाब के गांव में शादी समारोह में घेर लिया गया, लेकिन वहां के  किसानों के विरोध के चलते पुलिस को खाली हाथ वापस आना पड़ा। गांव ढंदूर में एक किसान को पकड़ा गया था

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