हरियाणा में बनेगी एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी: 18 गांवों में होगी स्थापना, 10 हजार एकड़ भूमि प्रस्तावित

हरियाणा सरकार ने अरावली क्षेत्र में एक विश्वस्तरीय जंगल सफारी विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। यह परियोजना जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा संचालित अत्याधुनिक पशु पुनर्वास केंद्र ‘वनतारा’ से प्रेरित है। सरकार ने इस परियोजना को लेकर पर्यटन विभाग से वन विभाग को जिम्मेदारी सौंप दी है। वन विभाग अब इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की समीक्षा कर रहा है, जिसमें देशभर की प्रमुख सफारियों की सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं को शामिल करने की योजना है।
अरावली संरक्षण और पर्यावरण का ध्यान
राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर ने बताया कि यह परियोजना अरावली क्षेत्र के संरक्षण का एक बड़ा प्रयास है। वनतारा से प्रेरणा लेते हुए, सफारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इसके लिए अन्य समान भूभाग वाले राष्ट्रीय उद्यानों और सफारियों का भी गहन अध्ययन किया जाएगा।
10,000 एकड़ में बनेगी जंगल सफारी
यह जंगल सफारी हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों के 18 गांवों में 10,000 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित है। इसे अफ्रीका के बाद दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क बनाने की योजना है। इसका उद्देश्य:
- इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना
- जैव विविधता का संरक्षण करना
- रोजगार के नए अवसर पैदा करना
वन विभाग को मिली जिम्मेदारी
परियोजना की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपे जाने पर राव नरबीर ने कहा कि इससे प्रक्रियाएं सुगम होंगी और पर्यावरण संरक्षण प्राथमिकता में रहेगा। वन विभाग अब इस परियोजना पर ऐसी रणनीति पर काम कर रहा है, जिससे प्राकृतिक आवास को न्यूनतम क्षति हो और क्षेत्र में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
राज्य के विकास में अहम योगदान
यह जंगल सफारी परियोजना केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। जैव विविधता के संरक्षण के साथ-साथ, यह परियोजना हरियाणा को इको-टूरिज्म के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी।