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चलती BULLET में लगी आग और हुआ ब्लास्ट! 1 की मौत 9 झुलसें, भूलकर भी न करें ये गलतियां

इस दौरान स्थानीय लोग आग बुझाने के लिए आगे बढ़े और बाइक पर पानी और रेत इत्यादि फेकने लगें. तभी बाइक के फ्यूल टैंक में एक तेज ब्लास्ट हुआ और आसपास खड़े लोग बुरी तरह झुलस गए." बालास्वामी ने बताया कि, "इस हादसे में 1 व्यक्ति की आज सुबह अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है और अन्य 9 लोगों का इलाज जारी है
 
चलती BULLET में लगी आग और हुआ ब्लास्ट!

अब तक कारों और इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं देखने को मिलती थीं. लेकिन अब एक रॉयल एनफील्ड बुलेट में आग लगने का मामला सामने आया है. सड़क पर दौड़ती BULLET के इंजन में आग लगती है और देखते ही देखते बाइक आग का गोला बन जाती है. इस दौरान मौके पर मौजूद कुछ लोग आग बुझाने की कोशिश करते हैं लेकिन इस हादसे में 1 की मौत हो गई और 9 लोग बुरी तरह झु़लस गए जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. 

दरअसल, ये मामला हैदराबाद के मोघालपुरा भवानीपुरा पुलिस स्टेशन का है. जहां वोल्टा होटल के पास एक चलती हुई बुलेट बाइक के इंजन में अचानक आग लग गई. आग लगते ही चालक ने बाइक से कूदकर अपनी जान बचाई. लेकिन इस दौरान मौके पर मौजूद तमाम लोग बाइक की आग बुझाने लगें. इस हाइसे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि, बीच सड़क बाइक धू-धू कर जल रही है. मौके पर मौजूद कई लोग बाइक को घेर कर खड़े हैं और आग को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. इस दौरान बाइक के फ्यूल टैंक में अचानक से तेज विस्फोट होता है और आग की भयानक लपटें आसपास मौजूद लोगों को अपने ज़द में ले लेती है. 

Bullet में क्यों लगी आग?

भवानीपुरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर बालास्वामी ने आजतक से बातचीत में बताया कि, "Bullet बाइक में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. लेकिन प्रथम द़ृष्टया ये इंजन हीट का मामला लगा रहा है. स्वामी का कहना है कि बाइक चालक लंबे समय से बाइक चला रहा था और जैसे ही वो वोल्टा होटल के पास पहुंचा अचानक से बाइक के इंजन सेक्शन में आग लग गई. जिसके बाद बाइक चालक जान बचाने के लिए बाइक को छोड़कर कूद गया.

इस दौरान स्थानीय लोग आग बुझाने के लिए आगे बढ़े और बाइक पर पानी और रेत इत्यादि फेकने लगें. तभी बाइक के फ्यूल टैंक में एक तेज ब्लास्ट हुआ और आसपास खड़े लोग बुरी तरह झुलस गए." बालास्वामी ने बताया कि, "इस हादसे में 1 व्यक्ति की आज सुबह अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है और अन्य 9 लोगों का इलाज जारी है."

इस हादसे में कहां हुई गलती?

गर्मी के मौसम के शुरुआत के साथ ही वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आनी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में बाइक चालकों को भी ख़ास सावधान रहने की जरूरत है. हैदराबाद की घटना में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. लेकिन शुरुआती तौर पर पुलिस भी इसके पीछे हीट (Heat) को ही कारण मान रही है. लेकिन इस मामले में स्थानीय लोगों ने भी एक बड़ी गलती की है. ऐसी परिस्थिति में कुछ ख़ास बातों पर जरूर गौर करना चाहिए.

कभी भी आग लगे हुए वाहन के करीब न जाएं. 
आग लगने के बाद तत्काल स्थानीय फायर ब्रिगेड टीम को इसकी सूचना दें.
वाहन में लगी आग के कम होने का इंतज़ार करें और उससे उचित दूरी बना कर रखें.

बाइक में आग लगने के कुछ संभावित कारण:

आमतौर पर किसी भी पारंपरिक ICE (पेट्रोल) टू-व्हीलर में आग लगने की कई वजह हो सकती है. लेकिन आज हम आपको कुछ उन संभावित कारणों के बारे में बताएंगे जिनके चलते आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. 

फ्यूल लीकेज: आमतौर पर किसी भी मोटरसाइकिल में फ्यूल लीकेज (Fuel Leakage) आग लगने का एक बड़ा कारण होता है. इसलिए सड़क पर बाइक निकालने से पहले इस बात की तस्दीक जरूर कर लें कि, कहीं फ्यूल लीक तो नहीं कर रहा है.

बैटरी: कुछ वाहनों में देखा गया है कि, बैटरी में आने वाली किसी तरह की खराबी भी आग लगने का कारण बनी है. यदि बैटरी पुरानी और डैमेज हो तो इससे भी शॉर्ट सर्किट होने या फिर हीट के चलते आग का खतरा बढ़ जाता है. 

इलेक्ट्रिकल सिस्टम: आजकल की आधुनिक मोटरसाइकिलों में तमाम तरह के फीचर्स दिए जा रहे हैं. इन सभी फीचर्स को ऑपरेट करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत होती है. यही वजह है कि मॉर्डन बाइक्स में वायरिंग काफी ज्यादा देखने को मिलती है. कभी-कभी इलेक्ट्रिकल सिस्टम में किसी तरह का फ्ल्योर होने पर भी शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है.

डिफेक्टिव कंपोनेंट्स: एक बाइक में कई तरह के कंपोनेंट्स इस्तेमाल किए जाते हैं, ख़ासतौर पर हैवी और बड़ी बाइक्स में इनकी संख्या और भी ज्यादा हो जाती है. ऐसे में डेफेक्टिव कंपोनेंट्स भी आग लगने के खतरे को बढ़ा देते हैं.

मॉडिफिकेशन: कंपनियां अपने वाहनों को सही मानकों पर चेक कर उसकी बॉडी और अन्य हार्डवेयर को शामिल करती हैं. लेकिन आजकल ज्यादातर युवा अपनी बाइक्स को नया लुक देने के लिए मॉडिफिकेशन का सहारा लेते हैं. इससे न केवल ओरिजनल वायरिंग से छेड़छाड़ होती है बल्कि इसका असर परफॉर्मेंस और सेफ्टी पर भी पड़ता है.