Movie prime

Edible OIL Price Hike: त्यौहारी सीजन में खाने के तेल के दामों में तेजी, सरसों, पाम ऑयल और सोया ऑयल की कीमतें बढ़ीं, देखें नए रेट्स

सरसों तेल की कीमत में पिछले एक महीने में 26% से अधिक की वृद्धि हुई है। जहां एक महीने पहले सरसों तेल 139 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, अब इसकी कीमत 176 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।india super News

 
mustard oil,PALM OIL,Sunflower Oil,Soya Oil,edible oil price hike,inflation,Festive Season,सरसों तेल,पाम तेल,सूरजमुखी तेल,सोया तेल,खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी,मुद्रास्फीति,त्यौहारी सीजन

Mustard Oil Price: हाल ही में, हारी सीजन से पहले खाने के तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल ने आम आदमी के किचन बजट पर भारी असर डाला है। सरसों तेल, पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है। यह बढ़ोतरी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के फैसले के बाद हुई है, जिससे आयात महंगा हो गया है।

सरसों तेल की कीमतों में 26% की वृद्धि

सरसों तेल की कीमत में पिछले एक महीने में 26% से अधिक की वृद्धि हुई है। जहां एक महीने पहले सरसों तेल 139 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, अब इसकी कीमत 176 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।india super News

अन्य तेलों की कीमतें भी बढ़ीं

सरसों तेल के साथ-साथ अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल की कीमतें भी पिछले महीने की तुलना में बढ़ी हैं।

तेल                      पिछले महीने की कीमत (प्रति किलो)    वर्तमान कीमत (प्रति किलो)
सरसों तेल                          ₹139.19                                    ₹176
सनफ्लावर ऑयल                ₹119.38                                    ₹129.88
पाम ऑयल                         ₹98.28                                      ₹112.2
सोया ऑयल                        ₹117.45                                    ₹127.62
वनस्पति                             ₹122.04                                    ₹129.04

कीमतों में उछाल का कारण india super news

खाद्य तेलों की कीमतों में इस वृद्धि का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला है। सरकार ने क्रूड सोयाबीन ऑयल, क्रूड पाम ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को शून्य से 20% और खाने के तेलों पर 12.5% से 32.5% कर दिया है। इसका उद्देश्य घरेलू किसानों की सुरक्षा करना है, लेकिन इसके कारण आम उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।