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तीन राज्यों को जोड़ेगा नया हाईटेक मार्ग! 32,000 करोड़ की है परियोजना, जानें कब तक बनकर तैयार होगा एक्सप्रेसवे 

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस 519.58 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का उद्देश्य तीनों राज्यों के लोगों के लिए यात्रा को सुगम और तेज बनाना है। एनएचएआई इस परियोजना पर 32,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है और इसका लक्ष्य 2028 तक निर्माण कार्य पूरा करना है।
 

Gorakhpur-Siliguri Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस 519.58 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का उद्देश्य तीनों राज्यों के लोगों के लिए यात्रा को सुगम और तेज बनाना है। एनएचएआई इस परियोजना पर 32,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है और इसका लक्ष्य 2028 तक निर्माण कार्य पूरा करना है।

वर्तमान में गोरखपुर से सिलीगुड़ी की यात्रा में 15 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह यात्रा 9 घंटे में पूरी हो सकेगी, जिससे 6 घंटे की बचत होगी।

एक्सप्रेसवे पर 25 जगहों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जहाँ से स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और अन्य मुख्य सड़कों को जोड़ा जाएगा, जिससे आवागमन और भी सुगम होगा।

इस एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, फारबिसगंज और यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कनेक्ट किया जाएगा।

इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के 111 गांवों की भूमि अधिग्रहित की गई है, जिनमें से 42 गांव तमकुहीराज तहसील के हैं। वहीं, बिहार में यह एक्सप्रेसवे पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों के 295 गांवों को कवर करेगा।