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करनाल हरियाणा : दूसरी गौशाला से जुड़ा हड्डी खाल व्यापारी का तार, गोशाला में जाकर भी गोवंश को जहर देता था आरोपी

 

करनाल हरियाणा : करनाल नगर निगम की गोशाला नंदी ग्राम में जाकर गोवंश को जहर देकर मारने, फिर मृत पशुओं को उठाकर ले जाने के बाद खाल व हड्डी बेचने के धंधेबाजों के तार जिले की एक और गोशाला से भी जुड़े बताए जा रहे हैं। पूछताछ में आरोपियों ने इस बात का खुलासा किया है

हालांकि पुलिस अभी तक धंधेबाजों के सरगना सहित प्रकाश में आए अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। दूसरी बार मिली रिमांड सोमवार को खत्म हो रही है।

आरोपियों को न्यायालय में पेश करना होगा 26 जनवरी को 45 गायों को जहर देकर मारने के चार आरोपियों को पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। जो अब दूसरी बार चार दिन की रिमांड पर पुलिस के पास हैं। इनकी रिमांड सोमवार को पूरी हो रही है

सीआईए-2 प्रभारी मोहन लाल व उनकी टीम आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है। अंबाला और शाहबाद में कई छापामारी के बाद भी फरार आरोपी गिरोह का सरगना अमित उर्फ अमर व अंबाला से जहर खरीदकर लाने के आरोपी विजय पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं हालांकि इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा हैं

ये गिरोह हड्डी व खालों को जालंधर (पंजाब) में ले जाकर बेचते थे। एक नया खुलासा ये भी हुआ है कि इस गिरोह के सदस्य करनाल की नंदी ग्राम गोशाला के साथ साथ जुंडला की भी एक गोशाला में जाकर गोवंश को जहर देते थे। वहां से भी मृत पशुओं को उठाकर लाते थे।

खास बात ये है कि ये खुलासा होने के बाद अभी तक जुंडला क्षेत्र की गोशाला में पूछताछ नहीं की गई है सबसे बड़ी बात ये भी है कि पुलिस की जांच में गोशाला कर्मियों की संलिप्तता को अभी तक क्लीनचिट दी गई है। जबकि लोगों के मन में ये सवाल है कि बिना गोशाला के किसी व्यक्ति की संलिप्तता के जहर देने से लेकर मृत पशुओं को उठाकर ले जाने तक की प्रक्रिया को अंजाम देना संभव नहीं लग रहा है

दूसरी ओर लगातार नगर निगम व अन्य लोगों को द्वारा लावारिश पशुओं को गोशाला में पहुंचाया जाता था लेकिन गोशाला में आखिर ये पशु कहां चले जाते थे। इसका कोई रिकॉर्ड कहीं नहीं रखा गया। लाखों की धनराशि मिलने, बडृ़ी संख्या में दान मिलने के बावजूद गोवंश की देखभाल आखिर क्यों नहीं हुई, इस मामले में दोषियों के नाम अभी तक उजागर नहीं किए गए हैं

नंदियों की मौत में एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार

उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने भले ही 11 फरवरी को 10 नंदियों की मौत के मामले को जांच में शामिल कर लिया हो लेकिन अभी उच्च स्तरीय कमेटी को भी एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार है। हालांकि एफएसएल को सैंपल भेजे हुए करीब एक सप्ताह हो चुका है लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी