ई-टेंडरिंग पर सीएम खट्टर का बड़ा ऐलान, क्या अब मानेंगे सरपंच?
चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज प्रेस कांफ्रेस कर एक बड़ा ऐलान कर दिया है। सीएम ने सरपंचों को लेकर ये फैसला लिया है। ई-टेंडरिंग पर सरपंचों को राहत देते हुए सीएम ने कहा कि सरपंचों को जो काम करवाने की लिमिट दो लाख रुपये थी, उसको बढ़ाकर पाँच लाख रुपये कर दिया गया है। अब पाँच लाख रुपये से ऊपर के काम ई-टेंडरिंग के जरिये होंगे। सरकार ने ये फैसला सरपंचों की मांगों को लेकर किया है
सीएम मनोहर लाल ने आज पंचायती राज के मुद्दे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही है। हमने CEO की भर्तियां शुरू की, इससे पहले पंचायती राज में पहले सीईओ की भर्तियां नहीं होती थी। प्रत्येक जिला परिषद का अपना कार्यकाल होगा। पंचायतों को 850 सौ करोड रुपए अलॉट किए गए हैं। पहली तिमाही में करीब 12 करोड़ रुपए अलॉट किए हैं। हमारी सरकार ने खेत खलिहान योजना पर विशेष ध्यान दिया है।
10,000 से ज्यादा आबादी वाले गांवों में स्ट्रीट लाइट होगी। मिड-डे मील की मॉनिटरिंग जिला परिषद करेगा। गांव-गांव में विकास कराया जाएगा। प्रदेश के सभी 22 जिलों के विकास पर हमारा फोकस है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे पंचायती राज सिस्टम का अध्ययन करने जाएंगे और हर 3 महीने में जॉइंट मीटिंग होगी। हर महीने काम का फ़ीडबैक लिया जाएगा। ईटेंडरिंग को लेकर लोगों से फीडबैक लिया गया है। इसके लेकर अधिकांश सरपंचों ने सहमति जताई है। इतना ही नहीं, E-tendering के तहत अधिकतर सरपंचों ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ई टेंडरिंग योजना से पारदर्शिता आएगी। इतना ही नहीं, सीएम ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाने का भी ऐलान कर दिया। सरपंचों का मानदेय 3000 से बढ़ाकर 5000 कर दिया गया है
बता दें कि सरकार व सरपंचों के बीच ई-टेंडरिंग को लेकर काफी दिनों से घमासान मचा हुआ है। सरपंच एसोसिएशन और सरकार के बीच कई राउंड की बातचीत हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। मंगलवार को भी सरपंचों ने मुख्यमंत्री खट्टर से मुलाकात की थी लेकिन उनके बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी। जिसके बाद सरपंचों ने सरकार को चेतावनी दी थी कि वे 17 मार्च को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। अब आज सीएम ने इसकी लिमिट दो लाख से पांच लाख कर दिया है और इसके साथ कई ऐलान किया है। अब देखने वाली बात ये होगी कि सरपंच सरकार के इस फैसले पर क्या कहते हैं