{"vars":{"id": "112470:4768"}}

फसल खराब होने का बीमा नहीं देने पर कोर्ट ने कंपनी पर लगाया 82,800 रुपये का जुर्माना, किसान को मिला न्याय

 

जींद : हरियाणा के जींद के एक किसान ने फसल बीमा कंपनी के खिलाफ अपनी लम्बी लड़ाई जीत ली है। उसे मुआवजे के तौर पर 82 हजार 800 रुपये शिकायत तारीख से नौ परसेंट की दर से ब्याज जोड़कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बीमा कंपनी की तरफ से किसान को मानसिक परेशानी के लिए पांच हजार रुपये और मुकदमा लड़ने के लिए पांच हजार रुपये देने होंगे। आदेश में कहा गया कि 30 दिनों के भीतर कंपनी को मुआवजा का पैसा देना होगा। अगर निर्धारित समय में मुआवजे का पैसा नहीं दिया जाता है तो कंपनी को पूरा पैसा 12 परसेंट ब्याज जोड़कर देना होगा

कपास की खेती में हुए नुकसान को लेकर यह मामला कंज्यूमर फोरम में गया था, जिसमें छह साल बाद किसान को जीत मिली है|  किसान सूरजमल नैन के पक्ष में अभी हाल में फैसला आया है। इस फैसले में किसान को ब्याज सहित मुआवजा देने का आदेश दिया गया है

किसान सूरजमल नैन ने बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी से फसल का बीमा कराया था। 2017 में सूरजमल नैन ने इंश्योरेंस कंपनी से फसल नुकसान का मुआवजा मांगा था। जिसे कंपनी ने देने से इनकार कर दिया था। इसके विरोध में किसान कंज्यूमर फोरम पहुंच गए और वहां बीमा कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।  किसान के खाते से बीमे के 4704 रूपये भी काट लिए गए थे।

उसकी की तीन एकड़ में लगी कपास की फसल बर्बाद हो गई|  उससे पहले किसान ने कपास की फसल का बीमा कराया था और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अपने पंजाब नेशनल बैंक के खाते से बीमा कंपनी को ट्रांसफर किया था। उसी साल जबदस्त बारिश हुई और किसान की तीन एकड़ में कपास की फसल शत-प्रतिशत खराब हो गई

इसके बाद किसान ने फसल बीमा कंपनी में आवेदन देकर फसल नुकसान का मुआवजा मांगा. लेकिन कंपनी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. बीमा कंपनी के सैंकड़ों चक्कर लगाने के बाद भी किसान की फरियाद नहीं सुनी गई और न ही उन्हें मुआवजे का पैसा मिला. बार-बार आवेदन देने के बावजूद कंपनी ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया. इससे परेशान होकर किसान सूरजमल नैन ने 16 जून 2022 को जींद के उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई|  इस पर फोरम ने सभी पक्षों की बात सुनी और सूरजमल नैन के पक्ष में फैसला सुनाया