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हरियाणा पुलिस अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल रही है

 
हरियाणा पुलिस अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल रही है

चंडीगढ़, 5 मार्च - हरियाणा पुलिस ने आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करते हुए केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित परियोजना इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) को सफलतापूर्वक लागू किया है। इसे प्रदेश पुलिस को हाई टेक बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लागू आईसीजेएस परियोजना को गृह मंत्रालय के जरिए पूरे देश में कार्यान्वित किया गया है जिसपर प्रदेश पुलिस आधुनिक पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि परियोजना को केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में प्रदेश में लागू किया गया है। हरियाणा पुलिस ने आईसीजेएस परियोजना का उपयोग करते हुए 45 वाहनों को ट्रेस करने में, 67 उद्घोषित अपराधियों व बेल जम्पर्स और 02 मोस्ट वांटेड अपराधियों को ढूंढने में सफलता प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त उक्त डेटा पर ही 4 एफआईआर भी प्रदेश में दर्ज की गई हैं

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की आईसीजेएस परियोजना यानी के इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के पहले चरण में अलग-अलग आईटी सिस्टम को लागू और व्यवस्थित किया गया है। इन सिस्टम को रिकॉर्ड को सर्च करने में भी सक्षम बनाया गया है। वहीं चरण-2 के तहत इस सिस्टम को ‘एक डेटा, एक एंट्री‘ के सिद्धांत पर तैयार किया गया है, जिसके तहत डेटा केवल एक कॉलम में केवल एक बार दर्ज किया जाता है और फिर वही डेटा अन्य सभी कॉलम में दर्ज हो जाता है। इसके लिए प्रत्येक कॉलम में डेटा की फिर से एंट्री करने की जरूरत नहीं होती है

राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो निदेशक ओपी सिंह ने बताया कि आईसीजेएस सिस्टम को हाई स्पीड कनेक्टिविटी के साथ एक डेडिकेटिड और सिक्योर्ड क्लाउड बेस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पर है। इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम मुख्य आईटी सिस्टम के एकीकरण के लिए एक राष्ट्रीय प्लेटफार्म है, जिसका इस्तेमाल पांच कॉलम के जरिए देश में आपराधिक न्याय को लागू करने के लिए किया जाता है।

पुलिस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग और नेटवर्क प्रणाली), फॉरेंसिक लैब के लिए ई-फॉरेंसिक, न्यायालयों के लिए ई-कोर्ट, लोक अभियोजकों के लिए ई-प्रॉसीक्यूशन, जेलों के लिए ई-जेल। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश पुलिस जेलो में बंद अपराधियों का पूर्ण रिकार्ड रहता है। उपरोक्त सॉफ्टवेयर में अपराधी का नाम व अन्य सूचना की एंट्री करने से, यदि किसी अन्य राज्य में उसकी स्थिति है तो तभी अपडेट हो जाती है। उक्त सूचना के आधार पर अनुसंधान अधिकारी आगामी कार्यवाही कर सकते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि एक अपराधी कई राज्यों में वांछित होता है और किसी अन्य राज्य में जेल में बंद होता है

ऐसी स्थिति में इस सॉफ्टवेयर पर जो डाटा बेस उपलब्ध है उसकी सहायता से अपराधियों की वर्तमान लोकेशन को ढूंढा जा सकता है। इसके अलावा, सॉफ्टवेयर के माध्यम से चोरी हुए वाहनों का पता लगा सकते हैं। आगे जानकारी देते हुए बताया कि जिला रेवाड़ी द्वारा आईसीजेएस सॉफ्टवेयर पर कार्य करते हुए कुल 14 उद्घोषित अपराधी व बेल जम्पर्स सर्च किए हंै। जो सभी पी.ओ./बेल जम्पर्स जिला रेवाड़ी के विभिन्न थानो मे दर्ज अभियोगो मे वांछित चल रहे थे। उपरोक्त पी.ओ./बेल जम्पर्स का पता लगने उपरान्त संबंधित थाना प्रबंधक द्वारा प्रोडक्शन वारंट जारी करवाकर आगामी कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम जिले ने 23 उद्धघोषित अपराधी व बेल जम्पर सर्च किए हंै वहीं हांसी जिले ने 14 उद्धघोषित अपराधी व बेल जम्पर ढूंढने में सफलता हासिल की है। इसी प्रकार रेवाड़ी जिले ने विभिन्न थानो से चोरी हुई कुल 11 मोटरसाईकिलो, हिसार व हांसी ने 7 वाहन व रोहतक ने 9 वाहन का पता लगाने मे भी सफलता प्राप्त की 

पुलिस प्रवक्ता ने बताया की नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा सीसीटीएनएस/इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) में अच्छी प्रथाओं पर एक वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। उक्त सम्मेलन में हरियाणा पुलिस ने आईसीजेएस परियोजना के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन की श्रेणी में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

अच्छी प्रथाओं का प्रसार करने के लिए व सीसीटीएनएस और आईसीजेएस परियोजनाओं को बेहतरीन तरीके से लागू करने व राज्यों द्वारा बेहतर प्रणाली के प्रचार-प्रसार के लिए व उनके द्वारा किये जा रहे निरंतर प्रयासों को मान्यता देने के सम्मेलन आयोजित किया गया था। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि  देश में लगभग 117 एफएसएल और सीएफएसएल के प्रदर्शन का मूल्यांकन एनसीआरबी द्वारा परिभाषित मापदंडों पर किया गया, जिसमें हरियाणा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में प्रथम स्थान पर रहा। पूरे वर्ष प्रगति डैशबोर्ड पर लगातार 20 से अधिक मापदंडों पर प्रदेश प्रथम स्थान बना रहा।

जैसा कि विदित है हरियाणा पुलिस की ओर से करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सतिंदर कुमार गुप्ता और पानीपत के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने केंद्रीय गृह सचिव से यह पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त हरियाणा पुलिस के तीन कर्मचारियों को सीसीटीएनएस और आईसीजेएस में सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार मिला है। इनमें पुलिस जिला हांसी से एसआई जगमोहन, एससीआरबी हरियाणा से एएसआई योगेश कुमार और जिला सोनीपत से एएसआई कुलदीप सिंह शामिल हैं

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